Sunday 23 December 2012

SIR Sachin tendulkar its for you !!

सचिन एक बार फिर उस रूप में सामने जाओ !
आसमान की ओर देखकर बुदबुदाते सचिन। एक हाथ में बैट और दूसरे में हेलमेट
लिए हवा में हाथ उठाए सचिन। हेलमेट को चूमते सचिन। और आसमान
की किसी अदृश्य ताकत से आशीर्वाद लेते सचिन। इस लम्हे को भारतीय
क्रिकेट प्रेमियों न
े अनेक बार देखा है, और इस दृश्य को देखते हुए
लाखों क्रिकेट प्रेमियों ने बरबस अपने रोंगटे खड़े महसूस किए हैं। सचिन रमेश
तेंदुलकर ! तुम महान हो। श्रीकृष्ण ने आधुनिक युग में गीता का संदेश दिया होता तो अवश्य कहते- “हे अर्जुन ! वेदों में हूं सामवेद, मैं इन्द्र देवताओं
में हूं,पर्वत के शिखरों में मेरु, ऋषियों में भृगु हूं, कामदेव सन्तानोत्पत्ति में और
खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर हूं मैं.........सही सुना तुमने अर्जुन...
खिलाड़ियों में सचिन रमेश तेंदुलकर हूं मैं। ” हालांकि, क्रिकेट के इस
देवता को भी श्री कृष्ण की तरह अब द्वारिका लौटना ही था, लेकिन
जिस तरह आज सचिन ने क्रिकेट का अलविदा कहा-वो पर्दे के पीछे राजनीति की तरफ इशारा करता है। हे सचिन! तुम्हारा कद विराट है, और
ये चिरकुट राजनीतिबाज तुम्हारी महानता को कम नहीं कर सकते।
फिलहाल, मेरा तुमसे आग्रह है कि हमें आसमान की तरफ बुदबुदाते,एक हाथ में
बैट और हेलमेट लिए हवा में हाथ उठाए और अदृश्य ताकत से आशीर्वाद लेते
सचिन के एक बार और दर्शन करा दो। ताकि हम उस छवि को अपने मन में
अंकित कर लें। फिर, तुम लौट जाना अपनी महानता को नया आयाम देने। टेस्ट से भी संन्यास लेकर